प्रांत की योजनानुसार सम्राट् विक्रमादित्य प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, उज्जैन में

प्रांतीय वैचारिक प्रबोधन कार्यशाला आयोजित की गई l कार्यशाला दिनांक 8 ऑक्टोबर, 2023 को प्रात: 9 से दोप.4 बजे तक चली l  उद्घाटन सत्र में श्री विनीत जी नवाथे, प्रांत कार्यवाह, रा. स्व. संघ,डॉ राजेंद्र शर्मा, प्रांत अध्यक्ष, विद्या भारती,ग्रामीण शिक्षा एवं श्री प्रकाश जी धनगर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया |

कार्यशाला विभिन्न चित्र 

प्रबोधन करते हुए श्री विनीत जी ने कहा कि शक्तिमान की सभी सुनते हैंl श्री रवींद्र नाथ टैगोर को जापान के लोगों ने सुनने से मना कर दिया था क्योंकि उस समय वे गुलाम देश के थे l हमें अपने शत्रु की व अपनी शक्ति तथा कमजोरी पता होनी चाहिये |

साथ ही स्व बोध या आत्म बोध अर्थात हम कौन हैं ? मूलभूत तत्वो का बोध हो lराष्ट्र, धर्म जैसे शब्द अंग्रेजी में है ही नहीं l राष्ट्रवाद शब्द ठीक नहीं l पुरे राष्ट्र के लिए परिवार भाव हो |

हमारा जीवन के प्रति, प्रकृति के प्रति दृष्टिकोण  ही विश्व में हमें अनूठा बनाता है |

हमें सिखाया गया है कि परिवार के लिए स्व का,ग्राम के लिए परिवार का, राष्ट्र के लिए ग्राम का सृष्टि के लिए अपना, राष्ट्र का भी बलिदान कर दो | 

मानवता के प्रति शत्रु भाव रखने वाली चार शक्तियां हैं:

1.जेहादी इस्लाम  Redical Islamic Forces

2.प्रसार वादी शक्तियां  Evangelical Forces

3.कल्चरल मार्क्स वाद  Cultural Marxism

4.वैश्विक बाजार वादी शक्तियां  Global Market Forces

द्वितीय सत्र में चार समूहों में हिंदुत्व,स्व बोध, राष्ट्र की चार शत्रु शक्तियां,महिला, युवा, अनुसूचित जाति, जनजाति, अभिभावक, पूर्व छात्र विषयों पर विचार विमर्श कर प्रतिवेदन तैयार किए गए l इसकी योजना प्रांत प्रमुख श्री पंकज जी पवार ने बताई |

समापन सत्र में चार समूहों के प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए l समापन सत्र को संबोधित करते हुए मा. संगठन मंत्री श्री अखिलेश जी मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में अपनी बात कहते समय शोध आधारित तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए l समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में संघ के विचारों की प्रस्थापना हो रही है l राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपने शैक्षिक प्रयोगों का समावेश किया गया है l एक तरफ पंच कोश आधारित शिक्षा, मानव हितैषी भारतीय जीवन दर्शन है तो दूसरी ओर सेमेटिक शक्तियां हैं जो आपस में भी लड़ रही हैं l 2011 के बाद से विश्व हिंदू शक्ति का उदय हुआ है l हम अमृत काल में राष्ट्र कार्य कर रहेl  हमें समाज को भ्रमों से दूर करते रहें l गलत विमर्श का जवाब देने के लिए अध्ययन कर, कंटेंट तैयार कर तर्क रखें l राष्ट्र विरोधी शक्तियां नए नए नेरेटिव सेट करती हैं l हमें उनका सामना करने हेतु चर्चा,प्रचार, गोष्ठियों द्वारा मानस तैयार करना है l नगर व बस्ती स्तर तक वैचारिक प्रबोधन किया जावे l श्री सौभाग्य सिंह जी ठाकुर, सचिव उपस्थित रहे l आभार श्री रशेष जी राठौड़ ने व्यक्त किया l संचालन श्री महेंद्र भगत ने किया l कार्यशाला में विभिन्न पूर्णकालिक कार्यकर्ता, समिति पदाधिकारी,सदस्य उपस्थित रहे |